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आज के भारतीय संत

Manthan
Manthan
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  1. मोक्ष कामी संत -यह संत आवागमन से छुटकारा पाकर परमपिता परमात्मा में लीन होना चाहते हैं अक्सर समाज से दूर रह कर साधना रत रहते हैं | यह संत अपने परलोक को सुधारनें में ही व्यस्त रहते हैं  हैं समाज और देश को इनसे लाभ नहीं होता |
  2. समाज सुधारक -समाज को ह्रास से बचा कर नई दिशा देने वाले यह  महान पुरुष  जैसे ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राम मोहन राय ,आर्यसमाज के प्रवर्तक स्वामी दया नन्द सरस्वती , विवेकानन्द और भी अनेक महा पुरुष जिनका नाम समाज सुधारकों के इतिहास में अमर है | राजा राम मोहन राय का महिला समाज सदैव कर्जदार रहेगा जिन्होंने अपने समय की नारी को चिता से उठाया था | बाल विवाह का चलन था पती की मृत्यू के बाद बालिका पत्नी को भी चिता में भस्म कर दिया जाता था ऐसे संत समाज के लिए जीते हैं और अमर हो जाते हैं |
  3. कर्म योगी संत –परिवारों में रहते हैं लेकिन इनका जीवन समाज की बुराईयों पर केवल ऊँगली उठा कर गिनना नहीं है वह उन्हें दूर करने के लिए भी कृत संकल्प हैं अपने – अपने क्षेत्रों में वह बिना किसी प्रचार के सेवा के काम में लगे हैं ||
  4. सुख भोगी ,पाखंडी एवं धन लौलुप – यह अपने नाम के साथ संत शब्द लगाते है लेकिन इन्हें संत कहना संतत्व का अपमान हैं यह संत के वेश में व्यापरी हैं | कानून को तोड़ने वाले धर्म की तिजारत करते है |

जनता समझ चुकी है कौन सा संत समाज के लिए क्या कर रहे हैं ? कुछ को राजनीतिक संरक्षण भी मिलता है सरकारी बाबा जब तक राजनीतिक संरक्षण में रहते हैं मन मर्जी करते हैं देश की चिंता कौन करे क्यों करें ? समाज अब बदल गया है निष्काम भाव से भारत वर्ष की चिंता और प्रगति की कामना कौन कर रहा हैं और कौन दीमक की तरह देश को चाट रहा है|

सभी संतों का प्रथम कर्तव्य देश के प्रति समर्पित हो तो वह देश की महान परम्परा का संरक्षण कर सकते थें |देश विश्व गुरु बन सकता है भारत की सहिष्णुता सर्वधर्म समभाव की पताका विश्व में फहरा सकती है धर्म का चक्का धीरे-धीरे अपनी गति से बढ़ रहा है धर्म का उद्देश भी जन कल्याण होना चाहिए
सत्ता में मोदी जी और उतर प्रदेश में योगी जी जैसे कर्म योगी व् उनके  कर्मठ सहयोगियों का सत्ता में आना अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने से समाज की स्थिति बदल रहे हैं  अब जरूरत इस बात की है मोक्ष कामी  या मोक्ष की कामना करने वाले देश के लिए धर्म को अधर्म से बचाने के लिए कर्म करें |

सुख भोगी ,पाखंडी धन लौलुप काले धन के कुचक्र में फंस चुके हैं और नष्ट हो रहे हैं अब समय है अच्छे संत अपने धर्म का निर्वाह करें |प्रवचन देने वाले संत अपना कार्य करते हुए समाज के उत्थान में योगदान दें कर्म योगी भी अपना कार्य पूरी लगन से करें |सुख भोगी संत तो नष्ट होने के करीब हैं वह जैसे चढ़े थे वैसे ही  खत्म हो जायेंगे काला धन ,उनके नाम पर बेनामी प्रापर्टी के खिलाफ भी अभियान चल रहा है आश्रमों के नाम पर जमीनों पर कब्जा भी नही करने दिया जाएगा पुराने दिन अब खत्म हैं विदेशों में यात्राएं अपने शिष्य बनाना अपने नाम के साथ अनेक अलंकार लगाने की परमपरा  खत्म हो चुकी है | राजनीतिक संरक्षण में फलना फूलना सुरक्षित रहना  मुश्किल ही हैं कई संत जेल की हवा खा रहे हैं |

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