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माँ बस माँ होती है

Manthan
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माँ बस माँ होती है

फेस बुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकेल बर्ग  द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में भारतीयों के लिए प्रश्न उत्तर का सेशन रखा गया था | जिसमें मार्क ने मोदी जी का परिचय  जनता में बैठे अपनी माँ और पिता से कराया | उन्होंने बताया आज पहली बार उनके माता पिता यहाँ आयें हैं | मोदी जी को उनहें देख कर अपनी माँ याद आई वह  भावुक हो गये उन्होंने बताया मैं बहुत गरीब परिवार से हूँ उनके पिता जी अब दुनिया में नहीं हैं मेरी माँ ने हम सबको पालने के लिए बहुत मेहनत की थी वह पढ़ी लिखी नहीं थी उन्होंने आस पास के घरों में बर्तन मांजे पानी भरा और मजदूरी की | यह कहते –कहते वह इतने भावुक हो गये उनका गला रुंध गया वह रो पड़े यही नहीं उनको सुनने आये लोगों की आँखें भी भर आई यहाँ तक भारत में टेलीविजन.पर बैठे दर्शक भी भावुक हो गये |उपस्थित श्रोता मोदी जी से मिलने उन्हें सुनने आये थे उनमें से कईयों की कहानी मोदी जी से अलग नहीं थी वह अमेरिका में अपना भाग्य अजमाने आये थे कईयों ने अपनी पढाई अमेरिका में ही की थी |उनकी शिक्षा में उनके माँ बाप का कितना योगदान था यह  उनका दिल ही जानता था कई बैंक लोन के अलावा माता पिता द्वारा परिचितों से लिए गये कर्ज के बोझ से दब कर आये होंगे | कर्ज चुक गया होगा लेकिन माँ बाप के ऊपर उन सभी का अहसान कभी नहीं चुकेगा जिन्होंने उनके बेटे या बेटी का भविष्य बनाने में उनकी मदद की थी |कईयों की माँ घर भी सम्भालती थी नौकरी भी करती थी माँ के पास अपने लिए समय ही नहीं था जब अच्छा समय आया माँ पिता के शरीर ने जबाब दे दिया मन भी मर गया | मोदी जी ने अपनी माँ को याद करने के साथ सबके मन की पीड़ा से भी आत्म सात किया |

अमेरिकन समाज हमारे समाज से अलग है वहाँ के माता पिता ख़ास समय तक ही बच्चों की मदद करते हैं ज्यादातर पढाई के लिए पहले काम कर पैसा जोड़ते हैं दुबारा पढाई शुरू करते हैं |शादी के बाद ज्यादातर बेटे बेटी अलग रहने चले जाते हैं वृद्ध माता पिता अलग रहते हैं यह उनका घर है उनके बच्चों का घर बच्चों का है |अशक्त होने पर ,ओल्ड ऐज होम में रहने जाना हैं वहीं उनके जीवन की समाप्ति होती है उनकी सन्तान उन्हें कभी मिलने आ जाए बहुत बड़ी बात हैं | जब से आर्थिक मंदी आई है कुछ बच्चे आर्थिक अभाव के कारण अपने माता पिता के पास लौट आये हैं इस  संस्कृति का प्रभाव हमारे प्रवासी बेटों पर भी पड़ रहा है| कनाडा में बसे भारतीय अपने माँ पिता को साथ ले जाते हैं उन्हें इन्हीं ओल्ड ऐज होम में डाल देते हैं वहाँ  उनकी मेडिकल सेवा सरकार की जिम्मेदारी है बच्चे भी अपने दायित्व से बच जाते हैं | जबकि हमारे देश के वृद्ध अपने बच्चों के साथ  रहना चाहते हैं |आने वाली पीढ़ी की  किलकारियां सुनना चाहते हैं | यदि कुछ लोग अपने माता पिता को साथ रहने के लिए जाते हैं उन्हें अपने नन्हें बच्चों को संभालने के लिए बूढों की जरूरत पडती है| बाजार वाद की आंधी ने रिश्तों की भी पैसे से तोल दिया हैं माँ पिता को उपहार दे कर या कभी कभी मीठे बोल कह देना बहुत बड़ी बात हैं

देश का विभाजन हुआ  अपना सब कुछ छोड़ कर लोग अपने ही देश में शरणार्थी बन गये थे | उस समय ऐसे कौन से काम थे  जिन्हें किया जा सकता था|  अच्छे घरों की औरते दूसरे घरों में बर्तन मांजती, कपड़े धोती मसाले और नमक कूटना और जो काम मिल जाये | जिन घरों में दुधारू पशु थे वहाँ पशुओं का काम करना  गोबर के कंडे बनाना क्या नहीं किया? हाँ भीख नहीं मांगी मर्द रोजगार का जुगाड़ करते थे आज ऐसे कई हैं उद्योग पति परिवार हैं बड़ी कड़ी मेहनत से आगे बढ़े हैं |क्या वह भूल जायेंगे बुरे समय में उनकी दादी या नानी ने सेवा के काम से परिवार को भुखमरी से बचाया था पति पत्नी के सहयोग ने यहाँ तक पहुचाया है  उस कष्टदायी कहानी को कौन  भूल सकता | एक बहुत  सम्मानित बड़ी शैक्षिक संस्थान के प्रिंसिपल ने बड़ी शान से  विधार्थियों के सामने अपनी माँ को याद किया था मेरी माँ घरों में खाना पकाती थी हम अपनी माँ का इंतजार करते थे माँ खाना लेकर आएगी |जब बेटे  ने माँ को सम्मानित किया माँ धन्य हो गई मोदी जी ने केवल अपनी माँ को ही सम्मान नहीं दिया था यह हर उस माँ का सम्मान था जो अपने बच्चों के भविष्य के लिए कहीं मेहनत कर रही है उसके माथे पर आने वाली  एक एक पसीने की बूंद बच्चों के सुखद भविष्य की कल्पना करतीं है |कई उच्च अधिकारियों को इस स्थिति पर पहुचाने के लिए उनकी माँ का योगदान रहा  हैं | हमारे देश में भी घर  टूट रहें हैं लेकिन सबसे ज्यादा लड़ाईयां माँ ,बच्चों की कस्टडी लेने के लिए लड़ती है लडकी को कोई माँ  कभी भी नहीं छोडती |धन्य हैं वह मातायें  जिन्होंने अकेले रह कर मेहनत से बच्चे पाल दिए |उनको उनकी इच्छित डिग्री तक पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी |

पाश्चात्य देशों में तलाक होना आम बात है  घर टूटा पति पत्नी में तलाक हो गया दूसरी शादी भी कर ली परन्तु बीच में खड़ा बच्चा उसे माँ बाप दोनों चाहिए वह पल भी जाता है बड़ा भी हो जाता है | कई बार होस्टल ही उनका घर होता है मन में कहीं दर्द  भी रहता है | आधुनिकता की अंधी दौड़ ने रिश्तों का महत्व ही घटा दिया है| टूटे घरों  के बच्चे कई बार बिगड़ जाते हैं वह  दिशा हीन  हो जाते हैं गिरते हुए मूल्य  उजड़ते घरों में दिशा हीन बच्चे देख कर सबको दुःख होता हैं  |घर की नींव में दरारें पड़ने से रोकने की जिम्मेदारी सबसे पहले ग्रहणी की हैं वह  केवल पत्नी नहीं जननी और माँ है |अत : माँ की जिम्मेदारी की तरफ भी मोदी इशारा कर रहे थे अमेरिका की धरती पर वह माँ के कर्तव्यों की याद दिला रहे थे  |अपने स्वागत में उपस्थित महिलाओं को अपनी माँ को याद कर उन्हें कर्तव्य बोद्ध करा रहे थे | केवल अहम की शान्ति के लिए घर तोड़ लेना कहाँ का न्याय है क्या कुछ पल रुक कर हमें सोचना नहीं चाहिए कुछ ही पति पत्नी के झगड़े ऐसे हैं जिनका कोई समाधान नहीं है अधिकतर का समाधान बच्चों के हित में निकल आता है |

आजकल माता पिता और बच्चों के रिश्ते भावना केन्द्रित न होकर धन केन्द्रित होते जा रहे हैं जो माता पिता बच्चों को सब कुछ देने में समर्थ हैं क्या वही माँ बाप सबसे अच्छे हैं ?कुछ माता पिता बच्चे को सब कुछ देते हैं परन्तु उनके पास समय नहीं हैं कुछ बच्चों के हित में सर्वस्व लुटा देते हैं | मोदी जी पर भारत में जम कर विरोधियों द्वारा राजनीतिक आलोचना हुई एक भावनात्मक मुद्दे को राजनितिक अखाड़े का विषय  बना दिया | लेकिन सोचना हमें है |मोदी जी का संदेश बहुत दूर तक जन मानस के लिए था जिसका रिले पूरे विश्व में  हुआ अधिकतर लोगों ने उसकी गहराई को समझा |

डॉ अशोक भारद्वाज

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