कन्या भ्रूण हत्या कारण और निवारण
कन्या भ्रूण हत्या कारण- निवारण
कन्या भ्रूण हत्या के कारणों में सबसे पहला कारण –
- दहेज प्रथा के कारण माँ बाप को बेटी बोझ लगती हैं| भौतिकवाद ने दहेज पाने के लालच को और भी बढ़ा दिया है |
- कन्या या स्त्रियों से सम्बन्धित अपराधों में लगातार वृद्धि होती जा रही है | घर से बाहर निकलने पर लडकियों की सुरक्षा की चिंता माँ बाप को बेचैन करती रहती है |
- अश्लीलता को सिनेमा ,टेलीविजन और इंटेरनेट पर परोसना |
4. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में तुरंत सजा का न होना |
जब समाज इन समस्त बुराईयों से निजात पायेगा तभी भ्रूण हत्याएं रुकेंगी अन्यथा नही |
- सभी जानते हैं पुलिस , आर्मी ,सी आर पी एफ और रेलवे फ़ोर्स तथा समस्त सुरक्षा से जुड़ी संस्थाओं में महिलाओं को काफी जगह देना इस बात को निश्चित करेगा कि वह सुरक्षित रहेंगी |
- क्षमता के अनुसार मनचाही शिक्षा की व्यवस्था की जाये |केंद्र और राज्य सरकारें कन्याओं का इंटर तक की शिक्षा का खर्च वहन करें परन्तु साथ में पढाई पूरी कराने की शर्त भी होनी चाहिये| यदि एक बार एडमिशन ले लिया शिक्षा पूरी करनी पड़ेगी | लड़कियों को उच्च शिक्षा , व्यवसायिक और टेक्निकल शिक्षा में प्रोत्साहन दिया जाए |सरकार की गारंटी पर उन्हें स्टडी लोन दिए जायें ताकि कन्याओं को अपने भविष्य की उज्ज्वल तस्वीर स्पष्ट दिखाई दे उनका हौसला बढ़े|
- लड़कियों को भी अपने व्यवहार में शालीनता बरतनी चाहिए , समाज में मैसेज जाए लड़की पालना कोई समस्या नहीं है |जिन लडकियों ने कैरियर की उचाईयों को छुआ हैं| जिन स्कूलों या कालेजों में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की हैं वहाँ बुला कर उन्हें सम्मानित किया जाए जिससे वह दूसरी लडकियों में उदाहरण बनें |
- जिन माता पिता ने लडकियों का जन्म होने पर पुत्र न होने की स्थिति में अपनी बेटियों को सब कुछ समझा हो उनमें जरा भी पुत्र न होने का दुःख हो उनको भी सम्मानित किया जाये |एक बार एक ऐसे घर में जहाँ तीन लडकियां थी उस घर में होई अष्टमी का पूजन माँ बड़े गर्व से अपनी बेटियों के साथ कर रही थी जबकि यह पूजन बेटे माँ करती हैं उसका इतना असर हुआ जिन घरों में केवल बेटियां थी उन घरों में अगले वर्ष बेटियों के साथ माँ बाप को पूजन करते देखा गया |
- कभी बेटी को पराया न समझे अंतिम समय में बेटी ही होती है जो अपने माता पिता के पास बैठी होती हैं | कई बेटियों ने वृद्धावस्था में अपने माता पिता को बड़े सम्मान से रखा उनका अंतिम कर्म कांड तक पूरा किया | लेकिन लडकियों का भी कर्तव्य है ‘वह मनसा वाचा कर्मणा समाज का गौरव बनें’ ताकि माँ बाप के मन में कोई संशय ही न रहे |
- मीडिया को लायक बेटियों को अपने प्रोग्रामों में गौरवान्वित करना चाहिए समाज को ज्ञान हो बेटी बेटे में कोई फर्क नहीं हैं |सरकार का भी फर्ज है लडकियों की सुरक्षा का ध्यान रखे महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में शीघ्र और कठोर दंड दिया जाए |दंड प्रक्रिया में देरी होने से अपराधियों का हौसला बढ़ता है|
- जब लड़कियां अपनी पूरी क्षमता से योग्य होंगी ,पैरों पर खड़ी होंगी वह दहेज प्रथा का जम कर विरोध कर सकेंगी तथा सिद्धांत वादी कर्मठ युवको से शादी करेंगी |
- डाक्टर जो भ्रूण हत्या के गुनाहगार हैं उन्हें सजा के साथ समाज में विज्ञापनों के द्वारा लांछित किया जाए |
- घटती कन्याओं की संख्या देख कर माता पिता और परिवार को समझ आ जाना चाहिए अगर कोख में ही बच्चियों की हत्या का सिलसिला यूँ ही चलता रहा तो समाज का बहुत बड़ा वर्ग विवाह से वंचित रह जाएगा |ऐसा कुछ प्रदेशों में अभी से दिखाई दे रहा हैं | डॉ अशोक भरद्वाज
Read Comments