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ब्लड प्रेशर (उच्च रक्त चाप )के मरीजों की भयंकर भूले डॉ अशोक भारद्वाज
मेरे ४५ साल अनुभव में मरीजों को देखते-देखते पता चला उच्च रक्त चाप के ज्यादातर मरीज अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं जबकि अब सभी रोगी जानते हैं कि उच्च रक्त चाप (हाइपरटेंशन) से हार्ट अटैक या Brainhemarrhage दिमाग की नसों का फटना और फालिज जैसी तकलीफ हो सकती है फिर भी इस बिमारी के मरीज बिल्ली देख कर भी आँखें बंद करने के निम्न प्रयत्न करते हैं—
१.नियमित रूप से रक्तचाप की जाँच के बिना किसी भी सिस्टम की दवाइयां एलोपैथी ,आयुर्वेद व् होम्योपैथी आदि की दवाई खाना
२. कभी भी दवाई रोकना या स्वत : अपनी इच्छानुसार फिर शुरू कर देना यह दलील देंना हमें पता चल जाता है कि आज रक्त चाप बढ़ा हुआ है |
3. किसी डाक्टर, वैद्य या होम्योपेथ से दवाई लिखवा कर बिना चेक कराए दवाई लेते रहना
४.यदि कभी B.P. चेक भी कराते हैं बढ़ने पर दलील देना यह अमुक कारण से बढ़ गया है इत्यादि-इत्यादि
५. बड़ी हैरानी होती है कि बहुत से सम्पन्न तथा ऊचे औह्दे पर बैठे हुए लोग भी अपने पर प्रयोग करते हैं ,अमुक चीज खाने से या excercese (व्यायाम ) से बिना दवाई खाए उच्च रक्त चाप ठीक हो जाएगा सब प्रयोग अपने पर करते हैं |एक जानकार की हालत खराब हो गई उसे चक्कर –पर चक्कर आ रहे थे पूछने पर पता चला डाक्टर ने कहा था नमक थोडा कम कर दो उसने नमक खाना ही छोड़ दिया न नमक खाऊंगा न ब्लडप्रेशर होगा ?
निष्कर्ष यह है बिना नियमित चेक कराए यह विश्वास न करें कि मेरा ब्लडप्रेशर कंट्रोल में है ,हो सके तो एक पाकेट डायरी पास रखें कम से कम हर माह या तीन माह में एक बार बी पी का ब्यौरा लिख कर रखें |यदि रक्तचाप नापने का Instrument घर में है तब भी कभी कभी किसी डिग्री धारी डाक्टर के पास जा कर उससे भी चेक कराते रहें पता चल जाएगा आपका रक्त चाप ठीक है |
ज्यादातर लोग दवाइयों को कैमिकल होने की वजह से लेने से गुरेज करते है उनको मेरी सलाह है जीवन का दो तिहाई हिस्सा या तीन चौथाई जिन्दगी तो बिना कैमिकल के कट गई शेष कैमिकल के सहारे सुरक्षित गुजार लें | मैं जानता हूँ कि कई कीमती जाने दुनिया से चली गई या उनके जीवन का काफी बड़ा हिस्सा बिस्तर पर गुजरा यदि वह जरा सा कैमिकल मजबूरी में ले लेते आज जिन्दा होते देश के लिए कई महत्वपूर्ण काम कर रहे होते उनको डाक्टर नहीं समझा पाए परन्तु प्राकृतिक चिकित्सकों की बात ने ज्यादा अपील किया |
जिस प्रकार रबड़ का साधारण पाईप पुराना हो कर अपना लचीला पन खो देता हैं हमारी धमनियों पर भी आयु का असर पड़ता है | ब्लड प्रैशर के निदान के लिए कुछ भी करें परन्तु विश्वास तभी करें नियमित जाँच से पता चले की सच्चाई में आपका ब्लडप्रेशर कंट्रोल में है समय समय पर बीपी की दवाई भी कम व अधिक या बदली जाती है इस लिए एक बार लिखी दवा को राशन कार्ड न समझे |
डॉ अशोक भारद्वाज
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