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घोर आश्चर्य की बात है तम्बाकू और इसके दूसरे products पर टैक्स बढ़ाने का किसी राजनैतिक दल संस्था या आम जनता यहाँ तक की गरीब से गरीब आदमी ने भी विरोध नहीं किया मतलब साफ है
सभी जानते हैं यह नुकसान दायक है यह जनता की मौन स्वीकृति का परिचायक है और मोदी सरकार का साहसिक कदम |
तम्बाकू और सिगरेट व इनके जैसे तम्बाकू युक्त चीजों के सेवन से इसका उपभोग करने से कई प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं अगर सेवन करने वालों को Public Health Deptt की तरफ से बृहत् जानकारियां प्रदान की जायें तो इनका प्रभाव छोड़ने में मदद करेगा | सबसे भयंकर परिणाम निम्न प्रकार के कैंसर के रूप में होता है जो तम्बाकू जन्य कैंसर की वजह से जवान स्मोकर्स के फेफड़े एक सत्तर साल के वृद्ध जितने कमजोर हो जाते हैं
मुहं का कैंसर –लगभग दस लाख से अधिक लोग हर वर्ष भारत में कैंसर के शिकार हो रहें हैं लेकिन यह और भी अधिक गति से बढ़ते जायेगे|२०२५ तक यह आकड़ा पांच गुना होने की सम्भावना है
देश के जिन हिस्सों में तम्बाकू पान में, गुटके के रूप में ,बीडी या सिगरेट के के रूप में इस्तेमाल किया जाता है वहाँ कैंसर के केस सबसे अधिक पाए जाते हैं
फेफड़े का कैंसर –यह मर्दों में सबसे अधिक पाया जाता है कुल कैंसर के केस में १७% केस तम्बाकू की देन है | कैंसर के कुल जितने केस आते आते है उनमें २३% मौते फेफड़े के कैंसर से होती हैं |
तम्बाकू और इसके द्वारा बनाये गये उत्पाद को कम प्रयोग करना या बेह्तर है बिल्कुल भी प्रयोग न करना तम्बाकू जन्य कैंसर की बिमारियों को रोकने का सफलतम तरीका है |
कैंसर को यदि जानना चाहते हैं तो एक बार इस बार्ड की और चक्कर लगा लें असहनीय पीड़ा में चीखते चिल्लते लगभग मौत मांगते मरीजों जिनके दर्द से निज़ात सिर्फ मोर्फिन का (अफीम का सत ) जैसी दवाईयों से ही कम हो पाता है इस लिए सरकार को इस असाध्य रोग की ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जानी चाहियेऔर इस पर टैक्स भी बढ़ाते जाना चाहिए
वैभव शाली देश भी व्यसन जन्य रोगों के उपचार के आर्थिक बोझ को वहन नहीं कर सकते यदि इन उत्पादों का प्रयोग समाज में कम होता जाये तो जिस जमीन पर तम्बाकू उगाया जाता है वह दूसरे उपयोगी खाद्य पधार्थों की खेती के लिए उपलब्ध हो सकेगी ताकि अन्न आदि कमी को दूर किया जा सके |
तम्बाकू सेवन से दस लाख लोग प्रतिवर्ष मर जाते हैं जबकि इससे अधिक लोग AID मर्डर आत्म हत्या एवं अल्कोहल और ड्रग सेवन की मौतों से भी नही मरते इससे अधिक तम्बाकू सेवन मार देता है
किंग्स कालेज लन्दन में हुये शोध के अनुसार धूम्र पान दिमाग के तन्तुओं को कुछ इस तरह नुकसान पहुचाते हैं जिससे याददाश्त ,समझने एवं तर्क वितर्क की क्षमताओं को क्षीण करता है
यह प्रमाणित तथ्य है कि स्मोकिग किसी को खुश नही करता परन्तु पीने वाले को अहसास होता है यह आनन्ददायक है बल्कि धूम्र पान करने वाले स्वभाव से खुश मिजाज नहीं होते जितना वह नशे में सोचते हैं
जिस घर में एक बजुर्ग को तम्बाकू जन्य कैंसर हो जाता है उस घर का बच्चा भी इसके सेवन से बचता है तथा दूसरो को भी बचने की सलाह देता है क्योंकि उसने व्यथा को पास से देखा है तम्बाकू सेवन वाले अक्सर यह दलील देते हैं अमुक कई वर्षों से तम्बाकू का सेवन कर रहा है उसको कुछ नहीं हूआ यह दलील इस बात की गारंटी नहीं है कि यह रोग किसी को बख्श देगा न जाने दानव रुपी रोग कब शुरू हो जाये इसे ठीक करना मुश्किल हो जाये |
तम्बाकू से बनी वस्तूओं पर टैक्स लगने का सबसे अधिक लाभ यह होगा स्कूल या कालेजों के सामने धूआ उड़ाते को देख कर दूसरो दिल नही मचलेगा क्योंकि यह व्यसन स्टूडेंट की जेब पर भारी पड़ता है
DR Ashok Bharadwaj
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