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” इंकलाब की चाह ” (आप का इंकलाब )

Manthan
Manthan
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मध्य पूर्व में चल चुका  इंक्लाबों का दौर
जो कुछ था वह लुट गया बर्बादी चहूँ और
खून बहा लाखों का धरती लहूँ लुहान
ऐसे ही सपने दिखाते “आप ” के श्री मान
भारत देेश मनीषियों का भटके ना यह राह
ऐसी कृपा करें हम पर हे   भगवान

मध्य पूर्व में चल चुका  इंक्लाबों का दौर

जो कुछ था वह लुट गया बर्बादी चहूँ और

खून बहा लाखों का धरती लहूँ लुहान

ऐसे ही सपने दिखाते “आप ” के श्री मान

भारत देेश मनीषियों का भटके ना यह राह

ऐसी कृपा करें हम पर हे   भगवान      DR.Ashok Bhardwaj

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