Manthan
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रोने वाले नेता देखे , रोयें झार-झार
ऎसे नेता कैसे देश बचाए जब देश पे मुश्किल आए
नियम प्रकृति का, पत्ते बदलें, बदलें पेड़ों कि छाल
पर ये सत्ता से चिपकें ,अपनी ममी बनाय
देश चलना नही है भावुक लोगों का काम
गिने चुने चमचों पर ऐठें जिनको दिया इनाम
देश घिरा संकट में अब , चाहे खून जवान
बैसाखी या पहियों की कुर्सी वालों से देश ये करे सवाल
अब तो करो किनारा वृद्धो कर दो यह उपकार
आशिर्वाद दूर बैठ कर दो ,देश का हो उद्धार DR. Ashok bhardwaj
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