Manthan
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सूत कातने चरखे पर बैठे “आप ” के श्री मान
नहीं जानते चरखा चलाना नही , जल्दबाजी का काम
गाँधी जी के आश्रम में रचते है ये स्वांग
होते अगर गाँधी जी जिन्दा खीचते दोनों कान
चरखा और राजनीति दोनों सोच विचार का काम
ये तो फोटो खिचा रहें हैं ताकि सबका खीचू ध्यान
नाटक करने से कोई बनता नहीं महान
जब तक कथनी और करनी एक न हो श्री मान
डा ० अशोक भारद्वाज
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