Manthan
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दीदी और “आप ” श्री गुरू बहिन और भाई
जानें सरकारें उखाड़ना कुर्सी पकड़ दिखाई
राज काज आता नहीं दोनों टाट खुजाये
आगे क्या करना है कुछ भी समझ न पायें
अपनी अपनी सी ० एम् ० की कुर्सी करी निहाल
आँखे पी ० एम् ० सीट पर लगी, अब करें देश बेहाल
जो सड़कों पर उतरते” इंकलाब”के नाम
राज चलाना है नहीं अराजकों का काम
भीड़ जुटी ना दिल्ली में ढूढें दूरबीन लगाय
किया जो होता काम बंगाल में तो भीड़ स्वयं ही आये DR Ashok Bhardwaj
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